A Simple Key For Shodashi Unveiled

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दिव्यौघैर्मनुजौघ-सिद्ध-निवहैः सारूप्य-मुक्तिं गतैः ।

अष्टैश्वर्यप्रदामम्बामष्टदिक्पालसेविताम् ।

ध्यानाद्यैरष्टभिश्च प्रशमितकलुषा योगिनः पर्णभक्षाः ।

संहर्त्री सर्वभासां विलयनसमये स्वात्मनि स्वप्रकाशा

The devotion to Goddess Shodashi is really a harmonious mixture of the pursuit of beauty and the quest for enlightenment.

ॐ ह्रीं श्रीं क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं  सौः

ह्रीङ्काराम्भोजभृङ्गी हयमुखविनुता हानिवृद्ध्यादिहीना

Worshipping Goddess Shodashi is not simply about trying to find content Positive aspects but additionally concerning the interior transformation and realization in the self.

This Sadhna evokes innumerable rewards for all round financial prosperity and steadiness. Growth of enterprise, name and fame, blesses with long and prosperous married lifetime (Shodashi Mahavidya). The final results are realised instantly once the accomplishment on the Sadhna.

She's also called Tripura for the reason that all her hymns and mantras have 3 clusters of letters. Bhagwan Shiv is considered to generally be her consort.

श्रौतस्मार्तक्रियाणामविकलफलदा भालनेत्रस्य दाराः ।

वन्दे तामष्टवर्गोत्थमहासिद्ध्यादिकेश्वरीम् ॥११॥

Goddess Shodashi is Shodashi often called Lalita and Rajarajeshwari which means "the just one who performs" and "queen of queens" respectively.

यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।

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